रजक भाई कुम्हार ने रिजवान नाम के एक व्यक्ति को पेटीएम के जरिए उसके खाते में 5,000 रुपये ट्रांसफर किए थे, इस रकम को रिजवान ने राशिद को भेजा. यह काम आईएसआई एजेंटों के निर्देश पर किया गया. राशिद को ये रकम रक्षा प्रतिष्ठानों की जानकारी ISI को भेजने के एवज में मिली थी.
ये मामला लखनऊ के गोमती नगर थाने में 19 जनवरी को दर्ज एक एफआईआर से जुड़ा है. इस मामले में उत्तर प्रदेश के चंदौली से राशिद नाम का शख्स गिरफ्तार किया था. राशिद की गिफ्तारी के बाद जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि राशिद भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में था. जबकि रजकभाई कुम्हार गुजरात के पश्चिमी कच्छ का रहने वाला है. दोनों के बीच संबंध हैं.
इस मामले में 6 अप्रैल को NIA ने भी UAPA और IPC के तहत केस दर्ज किया था. जांच में यह भी पता चला है कि राशिद ने भारत में संवेदनशील एवं रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की तस्वीरें ISI को भेजी थीं. राशिद ने सशस्त्र बलों की गतिविधियों की सूचना भी पाकिस्तान स्थित ISI के हैंडलरों के साथ साझा की थी. वह दो बार पाकिस्तान की भी यात्रा कर चुका है.
NIA ने कहा कि जांच में ये सामने आया है कि रजकभाई कुम्हार बतौर ISI एजेंट काम कर रहा था. रजक भाई कुम्हार ने रिजवान नाम के एक व्यक्ति को पेटीएम के जरिए उसके खाते में 5,000 रुपये ट्रांसफर किए थे , इस रकम को रिजवान ने राशिद को भेजा. यह काम आईएसआई एजेंटों के निर्देश पर किया गया.
राशिद को ये रकम भारत के रक्षा प्रतिष्ठानों की जानकारी ISI को भेजने के एवज में मिली थी. NIA अब विस्तार से इस मामले की जांच कर रहा है. इसी सिलसिले में गुरुवार को NIA ने रजकभाई के कच्छ स्थित घर पर छापा मारा था.
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